शराब की होम डिलिवरी की बाते सुनकर बहुत आदमी की बाँछे खिल गयी होगी लेकिन असल में ऐसी कोई बात नहीं है।यह तो सुप्रीमकोर्ट द्वारा किया गया कटाक्ष है शराब वैपारियो के साथ मामला यह है कि बुधवार को सुप्रीमकोर्ट में विरोध किया जा रहा था शराब कारोबारियों द्वारा राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गो पर शराब की दुकानें हटाए जाने का तभी दलीलों से नाराज होकर सुप्रीमकोर्ट ने तंज कसा क्यों नशराब की होम डिलीवरी शुरू कर देते।
बुधवार को जब सुनवाई चल रही थी तो कई राज्य के वकीलों ने अपनी बात रखी सभी की अपनी अपनी दलीले थी जम्मू कश्मीर के वकील ने कहा जम्मू कश्मीर एक पहाड़ी छेत्र है और अगर यहाँ रोड किनारे से दुकान को हटाकर कही और ले जाया जाए तो आदमी के पहुँच से दूर हो जाएगा और लोगो को परेशानी उठानी पर सकती है। इसी बात से नाराज होकर मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की पीठ ने व्यंग करते हुए कहा क्यों न होम डिलीवरी ही शुरू कर दी जाए ताकि कोई परेशानी ही न हो।
पंजाब सरकार के तरफ से वकील ने राजस्व घाटा के बारे में दलील दिया उनका कहना था क़ी इससे राज्य को सालाना 1000 करोड़ का घाटा होगा । यह बात सुनकर कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता लोगो के जीवन को सुरक्षित रखना है लेकिन हरेक वर्ष दुकान की संख्या बढ़ती चली जा रही है जो की चिंताजनक बात है।
पंजाब सरकार के तरफ से वकील निखिल नायर ने और भी कई दलीले दी उन्होंने कहा कोर्ट को हाईवे से दुकान हटाने का आदेश अप्रैल 2017 से देना चाहिए क्योंकि इससे काफी राजस्व का घाटा होगा।
बुधवार को जब सुनवाई चल रही थी तो कई राज्य के वकीलों ने अपनी बात रखी सभी की अपनी अपनी दलीले थी जम्मू कश्मीर के वकील ने कहा जम्मू कश्मीर एक पहाड़ी छेत्र है और अगर यहाँ रोड किनारे से दुकान को हटाकर कही और ले जाया जाए तो आदमी के पहुँच से दूर हो जाएगा और लोगो को परेशानी उठानी पर सकती है। इसी बात से नाराज होकर मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की पीठ ने व्यंग करते हुए कहा क्यों न होम डिलीवरी ही शुरू कर दी जाए ताकि कोई परेशानी ही न हो।
पंजाब सरकार के तरफ से वकील ने राजस्व घाटा के बारे में दलील दिया उनका कहना था क़ी इससे राज्य को सालाना 1000 करोड़ का घाटा होगा । यह बात सुनकर कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता लोगो के जीवन को सुरक्षित रखना है लेकिन हरेक वर्ष दुकान की संख्या बढ़ती चली जा रही है जो की चिंताजनक बात है।
पंजाब सरकार के तरफ से वकील निखिल नायर ने और भी कई दलीले दी उन्होंने कहा कोर्ट को हाईवे से दुकान हटाने का आदेश अप्रैल 2017 से देना चाहिए क्योंकि इससे काफी राजस्व का घाटा होगा।
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